Saturday, December 3, 2011

priye

तुम अरब देश की घोड़ी हो,मॅ हू गदहे की नाल प्रिये
तुम दीवाली की बोनस हो, मॅ भूखो की हडताल प्रिये
तुम हीरो जारी तश्तरी हो,मॅ अल्मुनिउम की थॉल प्रिये
तुम चिकन सूप बिरियानी हो,मॅ कंकर वाली दाल प्रिये
तुम हिरण चौकरी भरती हो,मॅ हू कछुए की चाल प्रिये
तुम चंदन वन की लकडी हो,मॅ हू बाबुल की छाल प्रिये
मॅ पके आम सा लटका हू,मत मार मुझे गुलेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये

मॅ शनि देव जैसा कुरूप,तुम कोमल कंचन काया हो
मॅ तन से मान से कांशी राम,तुम महा चंचला माया हो
तुम निर्मल पावन गंगा हो,मॅ जलता हुआ पतंगा हू
तुम राज घाट की शांति मार्च,मॅ हिंदू-मुस्लिम दंगा हू
तुम हो पूनम का ताजमहल,मॅ काली गुफ़ा अजंता की
तुम हो वरदान विधाता का,मॅ ग़लती हू भागवनता की
तुम जेट विमान की शोभा हो,मॅ बस की ठेलम ठेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये

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