Jidhar dekho Ishq ke bimar baithe hai,
hajaro mar gaye lakho taiyar baithe hai,
barbad hote hai kamine Ladkiyo ke piche,
or kehte hai ham berojgar baithe hai.
Tuesday, December 13, 2011
Sunday, December 11, 2011
shayri
इश्क" ने इन्सान को क्या बाना दिया किसी को "कवि" किसी को "कातिल" बान ा दिया,
"दो फूल का वज़न नहीं उठा सकती थी 'मुमताज"
और "शाहजहाँ" ने उसके ऊपर "ताजमहल" बना दिया"
"दो फूल का वज़न नहीं उठा सकती थी 'मुमताज"
और "शाहजहाँ" ने उसके ऊपर "ताजमहल" बना दिया"
Monday, December 5, 2011
my heartclose
Mujhe mitti me milaade mai tujhse juda ho nhi skta..
ab kya khu tujhse mai isse jyada tera ho nhi skta...
Meri koi khta to sabit kr...
Agar bura hun bura to sabit kr...
Tera pyar pane k liye kya kch ni kiya....
Mai bewafa hi sahi tu apni wafa to sabit kr...!!!
Saturday, December 3, 2011
priye
तुम अरब देश की घोड़ी हो,मॅ हू गदहे की नाल प्रिये
तुम दीवाली की बोनस हो, मॅ भूखो की हडताल प्रिये
तुम हीरो जारी तश्तरी हो,मॅ अल्मुनिउम की थॉल प्रिये
तुम चिकन सूप बिरियानी हो,मॅ कंकर वाली दाल प्रिये
तुम हिरण चौकरी भरती हो,मॅ हू कछुए की चाल प्रिये
तुम चंदन वन की लकडी हो,मॅ हू बाबुल की छाल प्रिये
मॅ पके आम सा लटका हू,मत मार मुझे गुलेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये
मॅ शनि देव जैसा कुरूप,तुम कोमल कंचन काया हो
मॅ तन से मान से कांशी राम,तुम महा चंचला माया हो
तुम निर्मल पावन गंगा हो,मॅ जलता हुआ पतंगा हू
तुम राज घाट की शांति मार्च,मॅ हिंदू-मुस्लिम दंगा हू
तुम हो पूनम का ताजमहल,मॅ काली गुफ़ा अजंता की
तुम हो वरदान विधाता का,मॅ ग़लती हू भागवनता की
तुम जेट विमान की शोभा हो,मॅ बस की ठेलम ठेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये
तुम दीवाली की बोनस हो, मॅ भूखो की हडताल प्रिये
तुम हीरो जारी तश्तरी हो,मॅ अल्मुनिउम की थॉल प्रिये
तुम चिकन सूप बिरियानी हो,मॅ कंकर वाली दाल प्रिये
तुम हिरण चौकरी भरती हो,मॅ हू कछुए की चाल प्रिये
तुम चंदन वन की लकडी हो,मॅ हू बाबुल की छाल प्रिये
मॅ पके आम सा लटका हू,मत मार मुझे गुलेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये
मॅ शनि देव जैसा कुरूप,तुम कोमल कंचन काया हो
मॅ तन से मान से कांशी राम,तुम महा चंचला माया हो
तुम निर्मल पावन गंगा हो,मॅ जलता हुआ पतंगा हू
तुम राज घाट की शांति मार्च,मॅ हिंदू-मुस्लिम दंगा हू
तुम हो पूनम का ताजमहल,मॅ काली गुफ़ा अजंता की
तुम हो वरदान विधाता का,मॅ ग़लती हू भागवनता की
तुम जेट विमान की शोभा हो,मॅ बस की ठेलम ठेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये
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